जीडीए की स्वर्णजयंतीपुरम आवासीय योजना में एकल यूनिटों पर अवैध निर्माण का खुलासा हुआ है। प्राधिकरण की ओर से सितंबर माह में कराए गए सर्वे में अवैध निर्माण की जानकारी हासिल हुई। 16 बिल्डरों ने अवैध यूनिटों का निर्माण कर सभी फ्लैट बेच दिए। इन फ्लैटों में लोग रहने लगे हैं। मामले की जानकारी होने के बाद अवैध निर्माण कराने वाले 16 बिल्डरों पर जीडीए एफआईआर कराने की तैयारी कर रहा है।
अवैध रूप से बने भवनों में लोगों के शिफ्ट होने के कारण अब जीडीए की ओर से सीलिंग या फिर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करना आसान नहीं है। ऐसे एकल यूनिटों पर भवनों का निर्माण कराने वाले बिल्डरों के खिलाफ इसी हफ्ते एफआईआर कराने की कार्रवाई की जा सकती है। अधिकारियों के मुताबिक स्वर्णजयंतीपुरम योजना में सर्वाधिक अवैध यूनिटों का निर्माण बी-ब्लॉक में हुआ है। दूसरी ओर सी, डी और ई-ब्लॉक में अवैध यूनिटों के निर्माण को चिह्नित किया गया है। जीडीए सचिव संतोष कुमार राय ने बताया कि एकल यूनिटों पर हुए अवैध निर्माण का पता लगाने के लिए जोनवार सर्वे जारी है। जोन-तीन में 16 एकल यूनिटों अवैध निर्माण के मामले बिल्डरों पर कार्रवाई की जाएगी।
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जोन छह और सात पहले से हैं टारगेट पर
एकल यूनिटों पर संख्या से अधिक यूनिटों का निर्माण जीडीए के जोन-छह के इंदिरापुरम और जोन-सात में राजेंद्रनगर व शालीमार गार्डन क्षेत्र में हुआ है। जोन-छह के इंदिरापुरम में एकल यूनिटों पर क्षमता से अधिक फ्लैटों के निर्माण के मामले में कई बिल्डरों पर पहले ही एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है। वहीं, जोन-छह के पांच जेई के खिलाफ कार्रवाई की शासन को संस्तुति की गई है। वहीं, जोन सात के राजेंद्रनगर में 10 निर्माणाधीन एकल यूनिटों पर अवैध यूनिटों के निर्माण के मामले में पूरे प्रवर्तन जोन के अधिकरियों को हटा दिया गया था। जोन में तीन सुपरवाइजरों को निलंबित करने के साथ दो जेई के खिलाफ कार्रवाई को शासन को संस्तुति की गई थी।
स्वर्णजयंतीपुरम में एकल यूनिट पर अवैध निर्माण, 16 बिल्डरों पर होगी एफआईआर