Delhi Election 2020: विवादों का दूसरा नाम हैं अमानतुल्ला खान, लोजपा से आप में पहुंचे

दिल्ली की ओखला विधानसभा सीट से आप विधायक अमानतुल्ला खान का विवादों से गहरा नाता रहा है। 2015 के दिल्ली चुनाव में अमानतुल्ला ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रत्याशी ब्रह्म सिंह को 60,000 से अधिक मतों के अंतर से हरा कर जीत हासिल की थी। इसके बाद किसी न किसी मुद्दे को लेकर वह लगातार सुर्खियों से घिरे रहे हैं। इस बार भी आम आदमी पार्टी ने ओखला से अमानतुल्ला खान को टिकट दिया है। आइए जानते हैं अमानतुल्ला खान और उनके सियासी सफर के बारे में-


अमानतुल्ला खान का जन्म उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में हुआ था। वो स्नातक की पढ़ाई के लिए दिल्ली आए और जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में दाखिला लिया। हालांकि अमानतुल्ला जामिया से अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाए। 

आम आदमी पार्टी में आने से पहले उन्होंने 2013 में राम विलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी से भी चुनाव लड़ा था। इस बार वो हार गए थे। 2013 के चुनाव में अमानतुल्ला को मजह 3600 वोट मिल पाए थे। इसके बाद 2015 में ओखला से आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने पर उन्हें भारी मतों से जीत मिली। 

इसके बाद विपक्षी दलों द्वारा लगातार निशाने पर लिए जाने के कारण अमानतुल्ला खान बराबर चर्चा में रहे। जुलाई 2016 में दिल्ली पुलिस ने एक महिला की शिकायत के बाद अमानतुल्ला को गिरफ्तार किया था। महिला ने शिकायत की थी कि जब वह बिजली कटने की समस्या की शिकायत लेकर विधायक अमानतुल्ला के आवास पर गई थी, तो उन्होंने उसे जान से मारने की धमकी दे डाली।

इसके कुछ ही महीनों बाद अमानतुल्ला खान के साले की पत्नी ने उनके खिलाफ उत्पीड़न की शिकायत की, जिसके बाद उन्हें दोबारा गिरफ्तार किया गया। इसके अलावा दिल्ली वक्फ बोर्ड में कथित भर्ती घोटाले में भी उनका नाम आया। 

अमानतुल्ला के खिलाफ आईपीसी की धारा 353, 186, 506 और 34 के तहत आपराधिक मामले भी दर्ज हैं। वहीं 3 मई, 2017 को सबसे बड़ा विवाद तब हुआ जब उन्होंने कुमार विश्वास को संघ और भाजपा का एजेंट कह डाला। इसके बाद उन्हें पार्टी की पीएसी से निकाल दिया गया था। 20 फरवरी, 2018 को अमानतुल्ला खान और विधायक प्रकाश जरवाल के खिलाफ दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश पर हमला करने का मामला दर्ज किया गया था।