स्वच्छ सर्वेक्षण के बाद अब केंद्रीय शहरी एवं आवास मंत्रालय ‘ईज ऑफ लिविंग सर्वे’के जरिए गाजियाबाद की परीक्षा लेगा। इस सर्वे के जरिए शहर को शिक्षा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट, शॉपिंग मॉल्स, बिजनेस एरिया, पब्लिक पार्क के मानकों पर परखा जाएगा। इस संबंध में शहर के लोगों से फीडबैक लिया जाएगा। इसके बाद शहरों की रैंकिंग तय होगी। शहरी एवं आवास मंत्रालय हर शहर के फीडबैक देने वाले 25 लोगों को पुरस्कृत भी करेगा।
ईज ऑफ लिविंग सर्वे में देश के सभी नगर निकायों को शामिल किया गया है। इस सर्वे में पूछा गया है कि आपके शहर में रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, टैक्सी स्टैंड, पब्लिक पार्क, फ्लाईओवर, शॉपिंग मॉल्स, कामर्शियल कांप्लेक्स, बड़े मार्केट एरिया, हायर एज्यूकेशन, इंस्टीट्यूशनल एरिया और अन्य जनसुविधाओं की गुणवत्ता कैसी है। सामाजिक स्तर पर शहर की पहचान में पहचान, स्वास्थ्य, सुरक्षा, विद्युत आपूर्ति, यातायात व्यवस्था, जलापूर्ति, वेस्ट वाटर मैनेजमेंट, ठोस कचरा प्रबंधन और प्रदूषण को कम करने के इंतजामों के मानकों पर भी शहर को परखा जाएगा। इन सभी सुविधाओं के स्तर के आधार पर ही शहरों की रैंक तय की जाएगी। यह सर्वे यूपी के अन्य शहरों में भी चल रहा है।
कोट
गाजियाबाद में सर्वे शुरू कराया जा चुका है। शहर के लिविंग स्टैंडर्ड के आधार पर होने वाली इस ‘परीक्षा’ के लिए नगर निगम अधिकारी व कर्मचारी मशक्कत कर रहे हैं। शहर के लोग सर्वे में हिस्सा लेकर गाजियाबाद की रैंक को बेहतर करने के लिए प्रयास कर रहे हैं। सर्वे में गाजियाबाद का प्रदर्शन अच्छा रहेगा। निगम की ओर से शहर के लोगों को बेहतर सुविधाएं दिए जाने का प्रयास किया जा रहा है। - दिनेश चंद्र, नगर आयुक्त
ईज ऑफ लिविंग के लिए सर्वे शुरू